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छत्तीसगढ़ के खनिज |Chhattisgarh Minerals-part 3

त्तीसगढ़ के खनिज  

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टिन(Tin ore)

  1. चट्टान - केसेटेराइट नामक चट्टान से प्राप्त होता है । 
  2. क्षेत्र - दक्षिण छत्तीसगढ़। 
  3. राजस्व में योगदान - 100 %
  4. भण्डारण - 35 83 %
  5. उत्पादन   - 100 %
  6. भारत में एकमात्र टिन उत्पादक राज्य छत्तीसगढ़ है। 
  7. टिन के उत्पादन व भण्डारण में छत्तीसगढ़ राज्य का प्रथम स्थान है। 

टिन क्षेत्र :

  1. दंतेवाड़ा - कटेकल्याण(सर्वाधिक टिन का भंडार) ,पाड़ापुर ,बचेली/नरेली
  2. सुकमा - गोविन्दपाल,मुंड़वाल,चिंतलनार,तोंगपाल ,काच्चिरास,बेरीकुपली,चिउरवारा आदि। 
  3. छत्तीसगढ़ में टिन का उत्पादन छत्तीसगढ़ डेवलपमेंट कारपोरेशन (CMDC) के द्वारा किया जाता है। 
  4. टिन रिसर्च सेंटर रायपुर में स्थित है जिसे BARC के स्थापित किया गया है। 
  5. टिन के भण्डारण व उत्पादन में छत्तीसगढ़ का प्रथम स्थान है। 

सोना (Gold) :

चट्टान - आर्कियन व धारवाड़ युगीन चट्टानों में। 

स्वर्ण खनिज क्षेत्र :

  1. बलौदाबाजार - सोनाखान क्षेत्र ,राजादेवरी आदि। 
  2. राजनांदगांव - टप्पा ,पीपरकछार ,कुडईकसा। 
  3. महासमुंद - रेहटी खोल ,लिमउगुड़ा। 
  4. कांकेर - सोनदेही , मिचगांव। 
  5. रायगढ़ - सोनझरिया ,तुता। 
  6. जशपुर - तपकरा ,बरजोर ,कांसाबेल ,कुनकुरी ,फरसाबहार। 

हीरा:

  1. चट्टान - किम्बरलाईट की चट्टानों में। 
  2. क्षेत्र - गरियाबंद ,बस्तर जिले 
  3. उत्तखनन - CMDC के द्वारा

कोरण्डम :

  1. यह एल्युमिनियम का ऑक्साइड है। 
  2. कोरण्डम  हीरे के बाद दूसरा सबसे कठोर धातु है। इससे एल्युमिनियम भी प्राप्त किया जाता है। 
  3. विस्तार -दक्षिण छत्तीसगढ़ में यह पाया जाता है। 

क्षेत्र -

  1. बीजापुर - भोपालपट्नम ,दाम्पया,कुचनूर ,उल्लूर
  2. सुकमा - सोनकुकानार,नगारास 

उपयोग - रत्न में 

लाल कोरण्डम को माणिक व नीला कोरण्डम को नीलम कहा जाता है। 

उधोग - पॉलिस व कटिंग उधोग(बस्तर में)

कोरण्डम की उपलबद्धता:

छत्तीसगढ़ के कोरंडम में भोपालपटनम और सुकमा में दंतेवाड़ा / बीजापुर के इलाके कोरण्डम की उपलबद्धता होती है। रायपुर जिले के देवभोग क्षेत्र से कम मात्रा में  कोरण्डम  कोरण्डम के भंडार  हैं। राज्य में कुल 48 टन कोरन्डम का अनुमान लगाया गया है।

अलेक्सजेंड्राइड :

  1. यह एक प्राकृतिक हीरा है। 
  2. इसे गरीबो का हीरा या अभिशापित रत्न भी कहा जाता है। 
  3. क्षेत्र -गरियाबंद के देवभोग तहसील के लाटापारा ,सेन्दमुड़ा में। 
  4. स्थान- प्रथम (भारत में केवल छत्तीसगढ़ में पाया जाता है)। 

क्वार्टजाइट :

  1. उत्पादन - प्रथम 
  2. भण्डारण - प्रथम 

क्षेत्र :

  1. राजनांदगांव - अमलीडीह ,झुलादेवरी ,बोरतालाब , पनियाजोब 
  2. बस्तर - डिलमिली 
  3. महासमुंद - परसापाली क्षेत्र ,सालेतराई 
  4. बेमेतरा - कलकसा,खुरसुल ,जामला, दानीटोला क्षेत्र 
  5. मुंगेली - कंचनपुर 
  6. रायगढ़ - उर्दना-रामपुर क्षेत्र ,छिरैपनी 

ताम्र अयस्क :

यह तांबा ऑक्साइड के रूप में पाया जाता है। 

प्राप्ति स्थल :

  1. बीजापुर - गिलगिचा,मोडेनर, ईटटेपाल

मैग्नीज 

  1. चट्टान - धारवाड़ युगीन चट्टानों में 
  2. उपयोग - लौह इस्पात 

प्राप्ति स्थल -:

  1. गरियाबंद - छुरा पारसोली 

अभ्रक :

  1. यह विधुत का कुचालक व सुचालक होता है इसलिए प्रेस प्लेट(आयरन) में इसका उपयोग किया जाता है। 
  2. विधुत क्षेत्र में वायर कटिंग में इसका उपयोग होता है। 

अभ्रक क्षेत्र :

  1. बस्तर - दरभा घाटी 
  2. सुकमा - झीरमघाटी 

गारनेट :

गारनेट क्षेत्र

  1. गरियाबंद - गोहेकला ,धूपकोट ,लाटापारा ,केन्दुवन
  2. बीजापुर - कुचनूर 
  3. जशपुर - बीसनपुर

उपयोग- जवाहरात  उधोग में 

ग्रेफाइट 

ग्रेफाइट क्षेत्र :

  1. बलरामपुर - गिरवापनी ,मानिकपुर ,किसनपूर,गौरेंगा

ग्रेनाइट :

ग्रेनाइट  क्षेत्र :

  1. कांकेर - कन्हारपुरी ,नरहरपुर 
  2. कोंडागांव - फरसगांव 
  3. दंतेवाड़ा - भूसारास क्षेत्र 
  4. सुकमा - एर्राबोर,मुलकिसोली , नीलामड़गु 

युरेनियम :

  1. निक्षेप :-
  2. राजनांदगांव- भंडारी टोला 
  3. सूरजपुर - प्रतापपुर 

फ्लोराइट :

प्राप्ति स्थल :

  1. राजनांदगांव - चांदी-डोंगरी ,केरवापनी,लमटी डोंगरी 
  2. महासमुंद - माकरमुत्ता,चूरकटठा


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