छत्तीसगढ़ के विकास में प्राकृतिक संसाधनों का विशेष योगदान है,जो प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में विधमान है.जिसमे से जल संसाधन का प्रदेश के विकास में विशेष महत्तव है .प्रदेश के प्रमुख नदियाँ और उनकी सहायक नदियाँ मिलकर जाल का निर्माण करती है जिसे नदी अपवाह तंत्र के नाम से जाना जाता है.
प्रदेश में जल अपवाह तंत्र को पांच भागो में बांटा गया है:-
1. महानदी अपवाह तंत्र (56 .15 %) - सबसे बड़ा अपवाह तंत्र.2. गोदावरी अपवाह तंत्र (28 .64 %)
3. सोन नदी अपवाह तंत्र (13 .63 %)
4. ब्राहम्णी नदी (अपवाह तंत्र 1 .03 %)
5. नर्मदा नदी अपवाह तंत्र (0 .55 %) - सबसे छोटा अपवाह तंत्र .
छत्तीसगढ़ में नदी अपवाह तंत्र
1. महानदी अपवाह तंत्र :
महानदी अपवाह तंत्र छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा अपवाह तंत्र है.यह प्रदेश का कुल अपवाह तंत्र का लगभग 56 .15 % जल सग्रहण क्षेत्र में आता है.जिसका विस्तार छत्तीसगढ़ के लगभग 77 ,432 वर्ग किलोमीटर में है. इस अपवाह तंत्र की ढाल पूर्व की ओर है.1.महानदी :-
महानदी को छत्तीसगढ़ की गंगा एवं जीवनरेखा कहा जाता है,छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी व लम्बी नदी है जिसकी कुल लम्बाई 858 Km है.प्रदेश का सबसे लम्बा पुल (1830 मीटर ) महानदी के नंदीगांव में बना है.(स्वर्गीय दिलीप सिंह जुदेव बांध /केलो बांध )
- उद्गम - सिंहावा पर्वत (धमतरी )
- विसर्जन - कटक (उड़ीसा) के निकट बंगाल की खाड़ी में (bay of bengal)
- कुल लम्बाई -858 Km
- छत्तीसगढ़ में लम्बाई - 286 Km
- विस्तार - छत्तीसगढ़ के मैदानी भागों में
- तट पर स्थित शहर - राजिम(गरियाबंद), सिरपुर (महसमुंद), शिवरीनारायण(जांजगीर-चांपा),चंद्रपुर(जांजगीर-चांपा)
- प्रवाह क्षेत्र - 1 धमतरी 2 कांकेर 3 बालोद 4 रायपुर 5 गरियाबंद 6 महासमुंद 7 बलौदाबाजार 8 जांजगीर-चांपा 9 रायगढ़
महानदी का नामकरण :-
- प्राचीन नाम - कनकनंदनी(Kanaknandini)
- सतयुग(वायु पुराण ) - नीलोत्पला (Nilotpala)
- द्धापर युग (स्कन्द पुराण ) - चित्रोत्पला(Chitrotpala)
- वर्तमान - महानदी (Mahanadi )
महानदी के संगम(Confluerceson Mahanadi):-
- 1 राजिम (गरियाबंद) - महानदी,पैरी नदी और सोंढुर नदी के संगम पर स्थित है,इसे छत्तीसगढ़ का प्रयाग भी कहा जाता है.
- 2 शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा) - महानदी ,शिवनाथ नदी और जोंक नदी के संगम पर स्थित है.
- 3 चंद्रपुर (जांजगीर-चांपा) - महानदी ,लात नदी और मांड नदी के संगम पर स्थित है.
- 4 खैरागढ़(राजनांदगाव) - आमनेर नदी ,मुस्का नदी और पिपरिया नदी के संगम पर स्थित है.
महानदी की सहायक नदियाँ(Tributaries):
- उत्तर की ओर से आने वाली नदियाँ(बांये तट ) - 1 शिवनाथ नदी 2 हसदेव नदी 3 बोरई नदी 4 मांड नदी 5 केलो नदी 6 ईब नदी
- दक्षिण की ओर से आने वाली नदियाँ (दांये तट ) - 1 दूध नदी 2 सिलियारी नदी 3 पैरी नदी 4 सोंढुर नदी 5 सूखा नदी 6 जोंक नदी 7 लात नदी 8 तेल नदी
महानदी की सहायक नदियाँ:
1. दूध नदी (Dudh River)
- उद्गम(Origin) -मलाजकुंडम पहाड़ी (कांकेर )
- विसर्जन(fall) - महानदी
- प्रवाह क्षेत्र - कांकेर
- इस नदी में मलाजकुंडम जलप्रपात(कांकेर ) स्थित है.
2. सोंढुर नदी (Sondhur River)
- उद्गम(Origin) -नवरंगपुर कोरापुट (उड़ीसा )
- विसर्जन(fall) - पैरी नदी
- प्रवाह क्षेत्र - गरियाबंद
- परियोजना -सोंढुर परियोजना (1979 -1980)
3. पैरी नदी (Pairi River):
- उद्गम(Origin) -भातृगढ़ की पहाड़ी (गरियाबंद )
- विसर्जन(fall) - राजिम के समीप महानदी में .
- प्रवाह क्षेत्र - गरियाबंद
- सहायक नदी - सोंढुर नदी
- परियोजना -सिकासार परियोजना (1995 )
4. सूखा नदी
- उद्गम(Origin) -तुमगांव(महासमुंद)
- विसर्जन(fall) - महानदी में .
- प्रवाह क्षेत्र - महासमुंद
- सहायक नदी - कोडार नदी
6. जोंक नदी(Jonk River)
- उद्गम(Origin) सोनबरा का पठार(उड़ीसा)
- विसर्जन(fall) - शिवरीनारायण के समीप महानदी में .
- प्रवाह क्षेत्र - महासमुंद,बलौदाबाजार
7. लात नदी(Lat River):
- उद्गम(Origin) -रदन की पहाड़ी(महासमुंद )
- विसर्जन(fall) - चंद्रपुर में महानदी पर.
8. सुरंगी नदी :
- उद्गम(Origin) -रायगढ़
- विसर्जन(fall) - महानदी में.
9. बलमदेही नदी:
- उद्गम(Origin) -बारनवापारा क्षेत्र
- विसर्जन(fall) - नंदनिया(बलौदाबाजार) महानदी में
महानदी की प्रमुख परियोजनाएं :
1 रुद्री बैराज परियोजना(1915) - धमतरी
2 दुधवा जलाशय (1963) - कांकेर
3 गंगरेल बांध /रविशंकर जलाशय (1979) - धमतरी
2 दुधवा जलाशय (1963) - कांकेर
3 गंगरेल बांध /रविशंकर जलाशय (1979) - धमतरी
नदी जोड़ो परियोजना (Inter River Linking Project):
1 महानदी + तांदुला लिंक परियोजना
2 पैरी + महानदी लिंक परियोजना
3 रेहर + आटेम लिंक परियोजना
4 अहिरान + खारंग लिंक परियोजना
5 हसदेव + केवाई लिंक परियोजना
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