महानदी की सहायक नदियाँ
1. हसदेव नदी(Hasdev River):
- उद्गम - देवगढ़-कैमूर पहाड़ी (सोनहट तहसील कोरिया ) से हसदेव नदी निकलती है.
- विसर्जन - हसदेव नदी ,सिलादेही के समीप महानदी में जाकर मिल जाती है.
- कुल लम्बाई - इसकी कुल लम्बाई 176 km है.
- सहायक नदी - अहिरन,तान,झींगा ,गज ,जटाशंकर,चोरनाई ,उत्तंग तेग इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ है .
- प्रवाह क्षेत्र - इसका प्रवाह क्षेत्र कोरिया,कोरबा,जांजगीर चाम्पा में है .
- तटीय नगर - कोरबा ,चाम्पा,पीथमपुर (जांजगीर चाम्पा) हसदेव नदी के तट पर स्थित है.
- परियोजना - हसदेव बांगो परियोजना/मिनीमाता परियोजना(1967) माचड़ोली(कोरबा) में बना हुआ है. यह छत्तीसगढ़ की पहली बहुउद्देशीय परियोजना और प्रदेश का सबसे ऊँचा बांध है.
- हसदेव घाटी कोयला खदानों के लिए प्रसिद्ध है.
2. मांड नदी(Mand River):
- प्राचीन नाम - इसका प्राचीन नाम मंदवाहनी(मार्कण्डेय पुराण) है
- उद्गम - मैनपाट(सरगुजा) से निकलती है.
- विसर्जन - चंद्रपुर पर महानदी में जाकर मिल जाती है.
- कुल लम्बाई - इसकी कुल लम्बाई 155 km है.
- सहायक नदी - कुरकुट,कोईराज इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ है .
- संगम स्थल - चंद्रपुर में महानदी,लात नदी ,मांड नदी का संगम होता है.
- विशेष - मांड नदी घाटी में कोयले की प्राप्ति होती है.कोयले का सबसे बड़ा भंडारण है .
3. केलो नदी(kelo River) :
- उद्गम - लुड़ेग पहाड़ी लैलूंगा तहसील(रायगढ़) से निकलती है.
- विसर्जन - उड़ीसा में महादेवपाली नामक स्थल के समीप महानदी में जाकर मिल जाती है.
- कुल लम्बाई - इसकी कुल लम्बाई 190 km है.
- सहायक नदी - कोलडेगा और राजर इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ है.
- प्रवाह क्षेत्र - इसका प्रवाह क्षेत्र रायगढ़ में है .
- तटीय शहर - रायगढ़ इसी नदी के तट पर स्थित है.
- परियोजना - केलो नदी परियोजना/स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव परियोजना(रायगढ़) इसी नदी पर बनाया गया है.
3. ईब नदी (Eb River):
- उद्गम - खुरजा पहाड़ी ,पंडरा पाट(जशपुर) से निकलती है.
- विसर्जन - सम्बलपुर ( उड़ीसा) के समीप महानदी में जाकर मिल जाती है.
- कुल लम्बाई - इसकी कुल लम्बाई 202 km है.(छत्तीसगढ़ में 87 Km बहती है)
- सहायक नदी - डौकी,मैना इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ है.
- प्रवाह क्षेत्र - इसका प्रवाह क्षेत्र जशपुर में है .
- विशेष - इस नदी के रेत में सोने के कण पाए जाते है.
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